Thursday, January 1, 2026

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📚 पी.एस.एम. वर्ल्ड स्कूल के छात्रों का “आधार शिला” वृद्धाश्रम भ्रमण

📚 पी.एस.एम. वर्ल्ड स्कूल के छात्रों का “आधार शिला” वृद्धाश्रम भ्रमण
📍 पनियरा (महराजगंज)

पी.एस.एम. वर्ल्ड स्कूल, पनियरा के यू.के.जी से कक्षा द्वितीय तक के छात्रों के लिए शनिवार का दिन बेहद खास रहा।
बच्चों ने फरेंदा स्थित “आधार शिला” वृद्धाश्रम का दौरा किया, जहाँ उन्होंने ‘दादा-दादियों’ के साथ समय बिताया और उनके जीवन अनुभवों से प्रेरणा ली।

सुबह 9:30 बजे विद्यालय से रवाना हुए छात्र 10:00 बजे वृद्धाश्रम पहुँचे, जहाँ उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ। बच्चों ने समूह गीत, भक्ति नृत्य और अन्य प्रस्तुतियाँ दीं, जिनसे पूरा वातावरण खुशी और तालियों से गूंज उठा।

विद्यालय परिवार द्वारा वृद्धाश्रम के निवासियों के लिए भोजन, राशन और आवश्यक वस्तुएँ भी उपलब्ध कराई गईं, जिन्हें आश्रम प्रबंधक प्रदीप जी को सौंपा गया।

कार्यक्रम में विद्यालय के डायरेक्टर आशीष श्रीवास्तव और प्रधानाचार्या भी उपस्थित रहीं।
विदा से पहले बच्चों ने दादा-दादियों को केले भेंट किए, जिससे यह पल भावनाओं से भर गया।

यह भ्रमण बच्चों के लिए एक यादगार और शिक्षाप्रद अनुभव रहा, जिसने उनमें बुजुर्गों के प्रति सम्मान, संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को और मजबूत किया।

📍 पनियरा (महराजगंज)

पूर्वांचल नेटवर्क न्यूज़ महराजगंज

पी.एस.एम. वर्ल्ड स्कूल, पनियरा के यू.के.जी से कक्षा द्वितीय तक के छात्रों के लिए शनिवार का दिन बेहद खास रहा।

बच्चों ने फरेंदा स्थित “आधार शिला” वृद्धाश्रम का दौरा किया, जहाँ उन्होंने ‘दादा-दादियों’ के साथ समय बिताया और उनके जीवन अनुभवों से प्रेरणा ली।

 

सुबह 9:30 बजे विद्यालय से रवाना हुए छात्र 10:00 बजे वृद्धाश्रम पहुँचे, जहाँ उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ। बच्चों ने समूह गीत, भक्ति नृत्य और अन्य प्रस्तुतियाँ दीं, जिनसे पूरा वातावरण खुशी और तालियों से गूंज उठा।

 

विद्यालय परिवार द्वारा वृद्धाश्रम के निवासियों के लिए भोजन, राशन और आवश्यक वस्तुएँ भी उपलब्ध कराई गईं, जिन्हें आश्रम प्रबंधक प्रदीप जी को सौंपा गया।

 

कार्यक्रम में विद्यालय के डायरेक्टर आशीष श्रीवास्तव और प्रधानाचार्या भी उपस्थित रहीं।

विदा से पहले बच्चों ने दादा-दादियों को केले भेंट किए, जिससे यह पल भावनाओं से भर गया।

 

यह भ्रमण बच्चों के लिए एक यादगार और शिक्षाप्रद अनुभव रहा, जिसने उनमें बुजुर्गों के प्रति सम्मान, संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को औ

र मजबूत किया।

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